संचारे क्रांति
पयाजक झिल्लि सन
परत-दर-परत
खुलत रहल छी
उ बात
जोन लाख परदा क
भितरे रहल छी …
इ वास्तव मे
परिवरतन होइ
अथबा —
कोनो
दूर संचारे क्रांति
से उपजत
दोसर दुनिया छी …
जहाँऐ आइना क
जरुरी नहि…
उ बिना भ….
देखब जा सकत
सभ किछु !!
•••
पयाजक झिल्लि सन
परत-दर-परत
खुलत रहल छी
उ बात
जोन लाख परदा क
भितरे रहल छी …
इ वास्तव मे
परिवरतन होइ
अथबा —
कोनो
दूर संचारे क्रांति
से उपजत
दोसर दुनिया छी …
जहाँऐ आइना क
जरुरी नहि…
उ बिना भ….
देखब जा सकत
सभ किछु !!
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