संघर्ष…
” दुःखों से घबराया नहीं,
किये बहुत संघर्ष ।
हर परिस्थिति का सामना कर,
पाया मैंने यह हर्ष ।।
हर पल कर्म किया,
अपनी राह स्वयं बनाई ।
आँसू तो बहुत बहे,
आप बीती नहीं सुनाई ।।
जो मिला मुझको,
उसी से आगे बढ़ा ।
सबका सहयोग मिला,
उसी से हुआ खड़ा ।।
माटी से जुड़ाव गहरा,
माटी में गुजरा बचपन ।
अहम अभिमान नहीं,
सबसे हैं अपनापन ।।
कोई शिकवा नहीं,
जितनी मिली छाँव ।
खुश हूँ, सब खुश रहे,
सबकी पार लगे नाव ।।
संघर्ष से मुँह नही मोड़ा।
बीच राह पथ नहीं छोड़ा ।।
किसी का विश्वास नहीं तोड़ा ।
सबको स्नेह प्रेम से जोड़ा ।।
मोह के पीछे कभी न दौड़ा ।
आगे बढ़ा , कर सीना चौड़ा ।।
—जेपीएल