Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2024 · 1 min read

संघर्षों की

संघर्षों की
एक बगिया हूँ मैं,
काँटों की चुभन भी
मुझे खिलने से रोक नहीं सकती ✌🏻

1 Like · 31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Vaishaligoel
View all
You may also like:
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
कवि रमेशराज
चल मनवा चलें.....!!
चल मनवा चलें.....!!
Kanchan Khanna
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
Raju Gajbhiye
👌
👌
*प्रणय प्रभात*
"बहादुर शाह जफर"
Dr. Kishan tandon kranti
धोखे का दर्द
धोखे का दर्द
Sanjay ' शून्य'
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
Job can change your vegetables.
Job can change your vegetables.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शोर से मौन को
शोर से मौन को
Dr fauzia Naseem shad
3531.🌷 *पूर्णिका*🌷
3531.🌷 *पूर्णिका*🌷
Dr.Khedu Bharti
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चश्मा
चश्मा
Awadhesh Singh
नारी और चुप्पी
नारी और चुप्पी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कविता
कविता
Shiva Awasthi
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
: काश कोई प्यार को समझ पाता
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
अगर कभी मिलना मुझसे
अगर कभी मिलना मुझसे
Akash Agam
आया सखी बसंत...!
आया सखी बसंत...!
Neelam Sharma
मां जैसा ज्ञान देते
मां जैसा ज्ञान देते
Harminder Kaur
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
Anil chobisa
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
Loading...