Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

संघर्षशीलता की दरकार है।

आँखों के आगे हैं उजाले, पर छा रहा अंधकार है,
भय ने है पंख पसारे, और उम्मीदें हुईं तार-तार है।
बोझिल हो रही हैं साँसें, पर अश्रु पर बैठा पहरेदार है,
धड़कनों में है गहन शोर, और निःशब्दिता की लम्बी कतार है।
शत्रुता है ये वक़्त की, या नियति का विस्तृत व्यापार है,
क्षणभंगुर सा है ये जीवन, बस यादों की शाश्वतता बरकरार है।
यथार्थ को स्वीकारे बैठा है मस्तिष्क, पर हृदय पर चल चुकी कटार है,
कंपित पग चल रहे हैं पथ पर, मंजिल जिसकी दुशवार है।
रूठूँ किससे पता नहीं ये, जब प्रतिबिम्ब स्वयं का हीं बेज़ार है,
निगाहें कितनी हीं हैं घात लगाए, तो कवच खुद से किया तैयार है।
युद्ध है ये परिस्थितियों का, या विवशताओं का सघन संसार है,
पीड़ा की असीमता प्रचंड है पर, संघर्षशीलता की दरकार है।

115 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
* हो जाता ओझल *
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
दोहा 🌹💖
दोहा 🌹💖
Neelofar Khan
4113.💐 *पूर्णिका* 💐
4113.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज़ादी के दीवानों ने
आज़ादी के दीवानों ने
करन ''केसरा''
उलझनें रूकती नहीं,
उलझनें रूकती नहीं,
Sunil Maheshwari
🙅आत्म-कथ्य🙅
🙅आत्म-कथ्य🙅
*प्रणय*
Listen my dear friends...!!
Listen my dear friends...!!
पूर्वार्थ
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
जब वो मिलेगा मुझसे
जब वो मिलेगा मुझसे
Vivek saswat Shukla
याद रख इस दुनिया में माँ-बाप के
याद रख इस दुनिया में माँ-बाप के
Sunny kumar kabira
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
शेखर सिंह
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
keotaixiu789 com
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
gurudeenverma198
"कदम्ब की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रोटी की क़ीमत!
रोटी की क़ीमत!
कविता झा ‘गीत’
विचार और रस [ दो ]
विचार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
manjula chauhan
वनिता
वनिता
Satish Srijan
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
अंसार एटवी
खालीपन – क्या करूँ ?
खालीपन – क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नया साल
नया साल
umesh mehra
शीर्षक - संगीत
शीर्षक - संगीत
Neeraj Agarwal
आज का वक्त कभी गुजरे
आज का वक्त कभी गुजरे
रेवा राम बांधे
दोस्ती का मर्म (कविता)
दोस्ती का मर्म (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
दोपाया
दोपाया
Sanjay ' शून्य'
आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दिल टूटने का डर न किसीको भी सताता
दिल टूटने का डर न किसीको भी सताता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसने कहा कि हँसते हुए चेहरे हमेशा खुशनुमा रहते हैं
किसने कहा कि हँसते हुए चेहरे हमेशा खुशनुमा रहते हैं
Rekha khichi
Loading...