संगीत मुक्तावली
संगीत मुक्तावली
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राम धुन का सुर मिला लो ,
श्याम धुन ठुमरी सजा लो ।
दादरा में नित भजन गाकर ,
संगीत मोक्ष का द्वार बना लो ।।
सुर विलम्बित ओंकार गाओ ,
वीणा की सुमधुर तान छेड़ो ।
श्रद्धा सुमन फिर अर्पित करके ,
संगीत स्वर में प्रभु को पुकारो ।।
अनहद नाद में गीत गाओ ,
अंतस में प्रभु छवि निहारो ।
मधुर छंद लय ताल देकर ,
नटराज सा खुद को नचाओ।।
आलाप सुर गुम्फित कर लो ,
प्रीत का परिधान पहन लो ।
सप्तस्वर के सरगम गाकर ,
पास अपने प्रभु को बुला लो।।
कजरी गा राधेकृष्ण रिझाओ ,
तराना से फिर मन बहलाओ।
शिवप्रेम की डमरू बजाकर ,
अमरत्व का वरदान पाओ ।।
मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०२/०२/ २०२२
माघ, शुक्ल पक्ष , द्वितीया , बुधवार
विक्रम संवत २०७८
मोबाइल न. – 8757227201