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11 Sep 2021 · 1 min read

“संकल्प” हरितालिका तीज

कुछ और नहीं बस
उस वेदी का संकल्प
जिससे लयबद्ध हो
अपनी आजाद आत्मा को
रंग डालती हैं,
सामने खड़े उस इकलौते मानवके हँथेली पर
सजेलाल-पीले सिंदूर के रंग मे
आशीर्वाद की छत तले,
मंगलगीतों के नींव पर,
कल तक खुले आसमान को अपना घर मानती,
अपनी हर जिद्द को अधिकार मानती,
पल में ईश्वर को साक्षी मान,
एक नये जीवन की आश में
उस इकलौते विश्वास में।

जीवनपर्यंत उस वेदी का संकल्प लिये
उन तमाम बेटियोंको अखण्ड सौभाग्य की शुभकामना
एकबार फिर तीज के अवतरण पर।
©दामिनी नारायण सिंह।

Language: Hindi
1 Like · 228 Views

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