Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2017 · 1 min read

संकट और खुशहाली

प्रभु !
संकट के समय ‘ मुझे बचा लो ‘
तुमसे ऐसी गुहार नहीं करूँगी ,
मुझे पता है कि तुमने
अदृश्य रूप में मुझे
संकटों से उबरने की शक्ति दी है
मैं उस दिव्य शक्ति के सहारे ही
संघर्ष करती हुई
सभी संकटों पर विजय पा सकती हूँ ।
प्रभु !
मुझसे मेरी अंतश्चेतना कहती है कि
संकट और खुशहाली
एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
शायद खुशहाली की अति में ही
संकट का बीज विद्यमान है और
संकट की चरम सीमा ही
खुशहाली के मार्ग तक पहुँचने का संकेत चिह्न है ,
तब केवल संकट के समय ही
‘ मुझे बचा लो ‘ जैसी गुहार का
क्या औचित्य ?

डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली

Language: Hindi
632 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all

You may also like these posts

सुंदर पंक्ति
सुंदर पंक्ति
Rahul Singh
सदैव खुश रहने की आदत
सदैव खुश रहने की आदत
Paras Nath Jha
हिंदी साहित्य के मुस्लिम कवि: रसखान
हिंदी साहित्य के मुस्लिम कवि: रसखान
Indu Singh
"सोच खा जाती हैं"
ओसमणी साहू 'ओश'
3909.💐 *पूर्णिका* 💐
3909.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरे जीवन सहचर मेरे
मेरे जीवन सहचर मेरे
Saraswati Bajpai
*सौम्य व्यक्तित्व के धनी दही विक्रेता श्री राम बाबू जी*
*सौम्य व्यक्तित्व के धनी दही विक्रेता श्री राम बाबू जी*
Ravi Prakash
दोहा एकादश
दोहा एकादश
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
پھد ینگے
پھد ینگے
Dr fauzia Naseem shad
किस क़दर
किस क़दर
हिमांशु Kulshrestha
मन बावरा
मन बावरा
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
- जिंदगी हर बार मौका नही देती -
- जिंदगी हर बार मौका नही देती -
bharat gehlot
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
आया उत्सव तीज का,मस्ती है चहुँ ओर
आया उत्सव तीज का,मस्ती है चहुँ ओर
Dr Archana Gupta
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
Sonam Puneet Dubey
सवेंदना
सवेंदना
Shankar N aanjna
धीरे-धीरे रूप की,
धीरे-धीरे रूप की,
sushil sarna
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अज़ीम हिन्दुस्तान ...
अज़ीम हिन्दुस्तान ...
SURYA PRAKASH SHARMA
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भाव गान
भाव गान
Deepesh Dwivedi
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
हिना (मेहंदी)( फाल्गुन गीत)
हिना (मेहंदी)( फाल्गुन गीत)
Dr. P.C. Bisen
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Raju Gajbhiye
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
तुझमें क्या बात है
तुझमें क्या बात है
Chitra Bisht
..
..
*प्रणय*
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
Neelofar Khan
Loading...