श्वान संवाद
एक गली के कुत्ते में दूसरे कुत्ते से कहा ,
हम तो भौंकते हैं खतरे से आगाह करने के लिए ,
गली में घुसने वाले चोरों को भगाने के लिए ,
पर ये क्या इंसान तो एक दूसरे पर भौंक रहे हैं
लांछन लगाने के लिए ,
कभी धर्म , कभी जाति की राजनीति में भड़का कर
आग लगाने के लिए ,
इनसे तो हम बेहतर हैं दुश्मन का मुकाबला करने के लिए एकजुट हो जाते हैं ,
पर ये इंसान खेमों में बँटकर अपने स्वार्थ के लिए दुश्मन के साथ हो जाते हैं ,
ये इंसान हमारी जाति का उपयोग गाली में करते हैं ,
पर ये भूल जाते हैं कि हमारा एक गुण
वफादारी भी है ,
जिसकी कमी आजकल उनके
चरित्र में है ,
ये हमें तुच्छ और निकृष्ट नामित करते हैं ,
पर अपने चरित्र का आकलन कर नहीं देखते हैं ,
इंसान कितने धूर्त और भ्रष्ट हैं जो
अपनों से दगा करते हैं ,
हम जानवर जिस इंसान को अपना मानते हैं ,
मरते दम तक साथ निभाते हैं ,
हम इंसान की जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी नहीं चूकते हैं ,
पर इंसान जिस थाली में खाते हैं ,
उसी में छेद कर देते हैं ,
अपने स्वार्थ के लिए अपने ही दोस्त के
पीठ पर छुरा घोंप देते हैं।