Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2024 · 1 min read

श्रृद्धेय अटल जी – काव्य श्रृद्धा सुमन

वह कर्मवीर संस्कारों की खान ,
मानवता जिसका धर्म ,
राष्ट्र जिसका अभिमान ,
समता , सद्भाव जिसका शील ,
आदर्श जिसकी पहचान ,

समग्र ज्ञान का सागर , प्रज्ञासिद्ध विवेक का पालक ,
प्रतिबद्ध कार्यवाहक , अविचलित संकट निवारक ,

हृदय स्पंदित भावपरिपूर्ण काव्य रचयिता ,
उत्कृष्ट वक्ता , राष्ट्र्नीति निर्माता ,

जन-जन प्रिय अटल जी हमारे सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगें ,
जब-जब हम उनके प्रदत्त प्रज्ञान पथ पर अग्रसर रहेंगे।

20 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
पूर्वार्थ
नन्हा मछुआरा
नन्हा मछुआरा
Shivkumar barman
मिटते ही इंसान के,
मिटते ही इंसान के,
sushil sarna
अजीब हालत है मेरे दिल की
अजीब हालत है मेरे दिल की
Phool gufran
मेरे भी अध्याय होंगे
मेरे भी अध्याय होंगे
Suryakant Dwivedi
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
Akash Yadav
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
हर रोज़ तुम्हारा पता पूछते उन गलियों में चला जाता हूं
हर रोज़ तुम्हारा पता पूछते उन गलियों में चला जाता हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं मज़ाक नही कर रहा हूं
मैं मज़ाक नही कर रहा हूं
Harinarayan Tanha
पुस्तक
पुस्तक
Nitesh Shah
जो औरों के बारे में कुछ सोचेगा
जो औरों के बारे में कुछ सोचेगा
Ajit Kumar "Karn"
The Enemies
The Enemies
Otteri Selvakumar
"कदम्ब की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"जो शब्द से जुड़ा है, वो भाव से स्वजन है।
*प्रणय*
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
Dr. Man Mohan Krishna
रास्ते अनेको अनेक चुन लो
रास्ते अनेको अनेक चुन लो
उमेश बैरवा
प्रश्नचिन्ह...
प्रश्नचिन्ह...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2997.*पूर्णिका*
2997.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अनुरोध किससे
अनुरोध किससे
Mahender Singh
इक तेरी ही आरज़ू में
इक तेरी ही आरज़ू में
डॉ. एकान्त नेगी
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"दिमागी गुलामी"
Dr. Kishan tandon kranti
नवगीत : मौन
नवगीत : मौन
Sushila joshi
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
दोस्ती कर लें चलो हम।
दोस्ती कर लें चलो हम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...