श्रृद्धेय अटल जी – काव्य श्रृद्धा सुमन
वह कर्मवीर संस्कारों की खान ,
मानवता जिसका धर्म ,
राष्ट्र जिसका अभिमान ,
समता , सद्भाव जिसका शील ,
आदर्श जिसकी पहचान ,
समग्र ज्ञान का सागर , प्रज्ञासिद्ध विवेक का पालक ,
प्रतिबद्ध कार्यवाहक , अविचलित संकट निवारक ,
हृदय स्पंदित भावपरिपूर्ण काव्य रचयिता ,
उत्कृष्ट वक्ता , राष्ट्र्नीति निर्माता ,
जन-जन प्रिय अटल जी हमारे सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगें ,
जब-जब हम उनके प्रदत्त प्रज्ञान पथ पर अग्रसर रहेंगे।