– श्रृद्धांजलि
“तेरी मिट्टी में मिल जावा॑,
गुलबन के खिल जावां”
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सरहद पर जान गंवाई
देश के खातिर गोली खाई,
कायरता से हमला करना,
दुश्मनों का इतनाही बस चलता,
सामने आने से डरता,
पीछे से वार वो करता,
ना भूलें ना माफ करेंगे,
मां-बहनों के आंसू जो बहे थे,
वीरों की ये धरती है,
मां-बहनों में भी देशप्रेम की भक्ति है,
पुलवामा की दूसरी बरसी पर,
श्रृद्धा सुमन अर्पित करती है।
-सीमा गुप्ता