श्री राम
राम स्वयं परमात्मा,जीव अंश जग आत्मा,
सबके मन में बास,दूर मत खोजिए।
आस्था श्रद्धा व विश्वास,राम दर्शन की आस,
दुर्लभ मानव जन्म,राम भज लीजिए।
ख़ुद को लो पहचान,देव रूप है इंसान,
राम नाम जग सार,मूल मंत्र जानिए।
राम जगत आधार,मर्यादित व्यवहार,
सनातन से पुकार,धर्म राम मानिए।।
———–
राम जन्म अवतार,,आते हरने भू भार,
मानवता का विस्तार,कारण को जानिए।
अधर्म का किया नाश,देव वृति का विकास,
पारिवारिक जीवन,सीख सभी लीजिए ।
त्रेता युग अवतार,निर्गुण सगुण पार,
नर रूप नारायण, लीला पहचानिए।
भक्ति वश भगवान, संकल्पी कृपानिधान,
पाने शुभ वरदान,विनती तो कीजिए ।।
राजेश कौरव सुमित्र