श्री राम विवाह महोत्सव
आज के दिन शुभ घड़ी लग्न में, सियाराम की भांवरी पढ़ीं थीं
प्रीत पुरातन सनातन जोड़ी, फिर से आन मिलीं थीं
राम लखन भरत शत्रुघ्न, सीता मांडवी उर्मिला श्रुतिकीर्ति
चारों भाइयों की जोड़ियां , अमर है यश कीर्ति
पुष्प वाटिका में जब सियाराम की नजर मिली थी
एक टक दोनों देख रहे थे, दुनिया ही मानों थमी थी
सौंदर्य शील गुण धाम राम पर, रीझे जनकपुर वासी
तोड़ धनुष श्री राम ने ,सबकी हरी उदासी
मंगलपरिणय हुआ राम का, तीन लोक आनंद हुआ
ऐंसी जोड़ी हुई न होगी,युग युगांतर आदर्श सदा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी