श्री राम वंदना
वंदन श्री चरणों में प्रभु जी
मेरा प्रणाम स्वीकार करों |
रघुकुल नंदन , हे रघुनन्दन
धनुष वाण ले आजाओं
दंभ जागता मन , मेरे प्रभु जी
मैं को हम में , जगने न दो
मैं को मैं में , तुम नाश करो
नतमस्तक श्री चरणों में प्रभु जी
मेरा प्रणाम स्वीकार करो |
दोहा :-
राम राम से आँख खुले , मिटे जगत का मोह |
राम राम से पार लगे , भवसागर पर वो होय |