श्री राम राघव जय करे
हे जग आराधक भक्त साधक
श्री राम-राघव जय करे
दीन पोषक क्षोभ शोषक
मोह नाशक भय हरे.
कमल लोचन भगत बोधन
शील संयम शुभ करे
आदर्श वाचन पतित पावन
दंभ रावण का हरे.
हे तप तितिक्षा शौर्य शिक्षा
रत परीक्षा में रहे
सफल साधना अटल कामना
शत वेदना थे सहे.
अभिराम मुख सुखधाम सुख
दानव दमन करते रहे
हनुमान के हर रोम में
प्रभु राम जी बसते रहे.
हे विराट शोभा प्रभात आभा
साध यही मेरी नाथ हो
प्रति उर निवासी गुण शील राशि
अगाध नेह अनुराग हो.
हे अगम अगोचर परम मनोहर
विषाद नाश विकार हो
करुणा नयन पद में नमन
दिन-रात ही स्वीकार हो.
भारती दास ✍️