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11 Oct 2021 · 1 min read

“श्री चरणों में तेरे नमन, हे पिता स्वीकार हो”

तुम कृष्ण से मेरे सारथी, अर्जुन सा तेरा पार्थ मैं
जो पथ प्रसस्थ तुमने किया, उस पर चलूं निस्वार्थ मैं
जिज्ञासा वश उत्पन्न हुए गर, मस्तिष्क मेरे प्रश्न जो
उत्तर सभी का आप हो, जिसमें निहित परमार्थ हैं

सब सीख तुम से सीख कर, देखा विकट संसार को
श्री चरणों में तेरे नमन, हे पिता स्वीकार हो।

बचपन से मैं नादान हूं , प्रतिबिंब हूं अज्ञान का
थाम कर उंगली तेरी , मैं बन गया विद्वान सा
कांधे पर तेरे बैठ कर, कई शीर्ष बिंदु छू लिए
श्रेष्ठ सारा ज्ञान जो तुम से मिला वरदान सा

गुरुओं में मेरे श्रेष्ठ तुम , विद्या का मेरी सार हो
श्री चरणों में तेरे नमन, हे पिता स्वीकार हो।

कुमार अखिलेश
देहरादून (उत्तराखंड)
मोबाइल नंबर 09627547054

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 267 Views

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