Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2022 · 2 min read

श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र (उत्तराखंड परंपरा )

उत्तराखंड जहां अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और देवभूमि के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है वही यहां के लोगों द्वारा अपने त्योहारों और अपनी परंपराओं को मनाने का तरीका इनको और लोगों से थोड़ा अलग रखता है ।
श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र उत्तराखंड में मनाने वाला एक ऐसा ही प्रसिद्ध पर्व है , यह पर्व जेष्ठ शुक्ल दशमी , हर वर्ष जून के महीने में मनाया जाता है , इस पर्व के बारे में यह संबंधित है कि इस दिन पावन गंगा नदी स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर अवतरित हुई थी और प्रसिद्ध पंडित बसंत बल्लभ जी के अनुसार , ( जब पतित पावनी माँ गंगा स्वर्ग से पृथ्वी आई , तब सप्त ऋषि कुर्मांचल ( कुमाऊँ ) क्षेत्र में तपस्या कर रहे थे , माँ गंगा के पृथ्वी आगमन पर सप्तऋषियों ने उनकी पूजा की , आश्रम में जल छिड़ककर अपने आश्रमो के द्वार पर द्वार पत्र लगाए , तभी से कुर्मांचल ( कुमाऊँ ) क्षेत्र में द्वार पर गंगा दशहरा द्वार पत्र लगाने की परम्परा है )
इस दिन इस पर्व के बारे में यह मान्यता है जो कोई व्यक्ति जिस दिन गंगा स्नान या किसी और पवित्र नदी में स्नान करता है तो उसको विष्णु लोक की प्राप्ति होती है , और उसके द्वारा किए गए सारे पाप और कष्टों का नाश हो जाता है ।
उत्तराखंड में श्री गंगा दशरथ द्वार पत्र घर के दरवाजों पर जेष्ठ शुक्ल दशमी को लगाया जाता है , इस द्वार पत्र में भगवानों के चित्र (गणेश , शिव , सरस्वती आदि ) और मंत्रों का उच्चारण लिखित रूप में होता है ।
उत्तराखंड परिवार के अपने कुल गुरु , पंडित जी (ब्राह्मण )अपने यजमानों को कुछ दिन पहले एक वर्गाकार सफेद कागज में विभिन्न रंगों के अंदर गणेश , शिव , पार्वती , हनुमान , आदि भगवानों का रंगीन चित्र देते हैं जिसके चारों ओर एक वृत्तीय या बहुवृत्तीय , कमल दलों को अंकित किया हुआ निसान होता है , जिसमे मुख्यत : लाल , पीला , हरा रंग भरा जाता है , और इसके बाहर वज्र निवारक पांच ऋषियों के नाम के साथ निम्नलिखित श्लोक लिखे होते हैं ,

” अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च ।
र्जैमिनिश्च सुमन्तुश्च पञ्चैते वज्रवारका: ।।
मुनेःकल्याणमित्रस्य जैमिनेश्चाऽनुकीर्तनात् ।
विद्युदग्नि भयं नास्ति लिखितं गृहमण्डले ।।
यत्रानुपायी भगवान् दद्यात्ते हरिरीश्वरः।
भङ्गो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा ।।
यह एक शुद्ध रक्षा श्लोक है , जिसमे वज्रपात , आदि व्याधियों से रक्षा का संकल्प मंत्र लिखा हुआ होता हैं ।

अपने कुल गुरुवो के द्वारा श्री गंगा दशहरा द्वारा पत्र यजमानों ( परिवार ) को दिए जाने पर , अपने गुरुवों को दान मैं , पैसा , चावल , गेहूं देने की परंपरा है , जिस दिन श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र अपने घर के दरवाजे पर लगाया जाता है उस दिन घर की अच्छी तरह साफ सफाई , और घर को गाय के गोबर से लीपा जाता है , और अपने कुल देवी, देवताओं की पूजा पाठ की जाती है ।
श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र घर के दरवाजे पर लगाने से प्रकृति से होने वाले नुकसान और बाहरी हवाओं , बुरी नजर से उस घर को बचाए रखती है , यह उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध त्योहार , परंपरा है जो पूरे उत्तराखंड में हर्षोल्लास से मनाया जाता है ।

( श्लोक लीया हूआ )

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 2403 Views

You may also like these posts

बसंत
बसंत
manjula chauhan
राम रहीम और कान्हा
राम रहीम और कान्हा
Dinesh Kumar Gangwar
परीक्षा ही बदले राहें
परीक्षा ही बदले राहें
डॉ. शिव लहरी
तुम क्रोध नहीं करते
तुम क्रोध नहीं करते
Arun Prasad
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
Chaahat
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
*****सूरज न निकला*****
*****सूरज न निकला*****
Kavita Chouhan
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
Rj Anand Prajapati
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
तेरी यादों के किस्से
तेरी यादों के किस्से
विशाल शुक्ल
जब  तक  साँसें  चलती  है, कोई  प्रयत्न  कर  ले।
जब तक साँसें चलती है, कोई प्रयत्न कर ले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"आदत में ही"
Dr. Kishan tandon kranti
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
कहने का फर्क है
कहने का फर्क है
Poonam Sharma
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
shabina. Naaz
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
Ajad Mandori
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
दोहे
दोहे
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
दोहा पंचक. . . . लेखक
दोहा पंचक. . . . लेखक
sushil sarna
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भारत माता अभिनंदन दिवस
भारत माता अभिनंदन दिवस
Sudhir srivastava
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
ruby kumari
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मेरा निस्वार्थ निश्चछल प्रेम"
विकास शुक्ल
शेर - सा दहाड़ तुम।
शेर - सा दहाड़ तुम।
Anil Mishra Prahari
"Always and Forever."
Manisha Manjari
ग़म का दरिया
ग़म का दरिया
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
'भोर'
'भोर'
Godambari Negi
सपनों की उड़ान: एक नई शुरुआत
सपनों की उड़ान: एक नई शुरुआत
Krishan Singh
Loading...