Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2020 · 1 min read

श्राद्ध

रिश्तों ने मेरा
श्राद्ध कर दिया
पर लगता है मैं जिंदा हूँ
यह कलयुग है मेरे भैया
जिंदा होकर शर्मिंदा हूँ
रिश्तों ने मेरा
श्राद्ध कर दिया
मेरे नाम की चादर ओढ़े
एक पुतला लेटा था
अंदर के हिस्से सारे
चमड़े के बाहर
चमड़ा नीचे दबा पड़ा था
रह रह कर धड़कन
धड़क रही थी
कहती थी प्रतिपल जिंदा हूँ
क्यूं नाक में रूई डाल रखे हो
एक साँस तो लेने दो मुझको
फिर मर जाऊँगा
फिर ढाँक कफन ले जाना मुझको
उस नदिया के पार
टूटे दिल के तार तार मैं जिंदा हूँ
कलयुग है मेरे भैया
होकर जिंदा शर्मिंदा हूँ
रिश्तों ने मेरा श्राद्ध कर दिया।
सुनकर गरुण पुराण और गीता
सब हर्षाये
मेरा भी तन हर्षाया
मुस्काया मन ही मन
जग की दीन दशा को देख
रिश्तों की खातिर
कुछ भी कर लो
जीते जी मर जाओगे
किन किन रिश्तेदारों से
तुम पिंडदान करवाओगे
यह कलियुग है मेरे भैया
सब करके भी पछताओगे।
मैं दस्तावेज़ों में भी मृत हूँ
नित नये गीत प्रतिपल लिखता हूँ
मेरी कविता ज़िंदा है
मैं जिंदा हूँ
रिश्तों ने मेरा श्राद्ध कर दिया।
-अनिल कुमार मिश्र,प्रकाशित

Language: Hindi
318 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
Atul "Krishn"
ये गजल नही मेरा प्यार है
ये गजल नही मेरा प्यार है
Basant Bhagawan Roy
रमेशराज के 7 मुक्तक
रमेशराज के 7 मुक्तक
कवि रमेशराज
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2893.*पूर्णिका*
2893.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वो अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
gurudeenverma198
जुते की पुकार
जुते की पुकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आग और पानी 🙏
आग और पानी 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
करवा चौथ
करवा चौथ
Er. Sanjay Shrivastava
हे राम हृदय में आ जाओ
हे राम हृदय में आ जाओ
Saraswati Bajpai
*उसको पाना है यदि तो, मन वृंदावन करना होगा【भक्ति-गीतिका】*
*उसको पाना है यदि तो, मन वृंदावन करना होगा【भक्ति-गीतिका】*
Ravi Prakash
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
Neelam Sharma
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
■ आज की प्रेरणा
■ आज की प्रेरणा
*Author प्रणय प्रभात*
अधिकार जताना
अधिकार जताना
Dr fauzia Naseem shad
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
Dushyant Kumar Patel
//एक सवाल//
//एक सवाल//
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
औरों की उम्मीदों में
औरों की उम्मीदों में
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
सुविचार
सुविचार
Dr MusafiR BaithA
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
My City
My City
Aman Kumar Holy
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
The blue sky !
The blue sky !
Buddha Prakash
Loading...