श्राद्ध पक्ष
मुक्तक
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श्राद्ध कर्म से हम करें, पितरों को संतुष्ट।
भावभक्ति मन में रखें, कभी नहीं हो रुष्ट।
कर्तव्य हमारा है यही, करें सतत निर्वाह।
रीति नीति से कार्य सब, हो जाएंगे पुष्ट।
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श्राद्ध पक्ष में कौवों को, सभी खिलाते भोग।
और खूब संतुष्ट फिर, हो जाते हैं लोग।
पितरों के निमित्त यही, होता है शुभ कार्य।
और सहज सुख लाभ के, बन जाते हैं योग।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य