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9 Aug 2020 · 3 min read

श्रम बांट

वह बड़ा मिष्ट भाषी एवं मिलनसार प्रतीत होता था उसने कहा सर मेरी मम्मी को देख लीजिए और मेरे से परामर्श लेकर चला गया दो दिन बाद फिर वही व्यक्ति दो अन्य महिलाओं के आया दोनों की फीस जमा की और बोला सर मैं अपनी बड़ी मम्मी एवं छोटी मम्मी को लेकर आया हूं प्लीज इन्हें देख लीजिए । मैंने उन्हें देखा और फिर वह चला गया ।क्योंकि वायरल बुखार की यह पहचान होती है कि वह एक के बाद एक परिवार के अन्य सदस्यों में भी फैलते हैं । अतः कुछ दिन बाद वह फिर एक नव युवती को साथ लेकर आया और बोला सर प्लीज इन्हें अच्छी तरह और ठीक से देख लीजिएगा यह मेरी नई वाली मम्मी है मैंने उन्हें अच्छी तरह से देखा और मशवरा दे दिया ।मुझसे मशवरा लेने के बाद जब वह अपनी नई मम्मी के साथ मेरे कक्ष से बाहर जाने लगा तो मैंने यूं ही उत्सुकता वश उससे पूछ लिया कि अगर अब तुम्हारे पिताजी ने एक और विवाह कर लिया तो तुम अपनी उन मम्मी को कैसे पुकारो गे ?
वह मुस्कुराया और बोला मेरे ताऊ जी ने यही किया है बस अब जो नई मम्मी आएंगी उनका नाम हो जाएगा ‘ नई वाली नई मम्मी और जो वर्तमान में जिन्हें अभी आपको अभी दिखाकर जिन्हें ले जा रहा हूं उनका नाम पुरानी वाली नई मम्मी कहलाएगा ‘
दुर्भाग्य से कुछ दिन बीतने के बाद उसके पिताजी हृदयाघात ( हार्टअटैक) से से पीड़ित होकर मेरे पास भर्ती हुए । बड़ा अफरातफरी का माहौल था , जब कुछ भीड़ छठी तो मैंने देखा कि पहले दिन से उसकी नई वाली मम्मी चौबीसों घंटे अपने पति के साथ रह कर पति की सेवा में दिलो जान से लगी थीं । उन्हें प्यार से उठाना बैठाना यूरिन का पॉट देना आदि सभी सेवाएं उनके पास रहकर कर रही थीं ।
मैंने देखा कि बीच-बीच में उसकी छोटी वाली मम्मी आती थीं और घर से कुछ बना बनाया दलिया खिचड़ी आदि खाना लेकर आती थीं और उसके पिता जी को खिलवा कर जाती थीं ।उसने बताया कि उसकी मम्मी घर पर खाना बनाकर पिताजी के लिए उसके द्वारा भिजवा देती है । मैंने उससे पूछा कि उसकी बड़ी मम्मी कब आएंगी उसने कहा की छुट्टी से पहले वह इन्हें एकबार देखने आएंगी ।एक हफ्ते बाद जिस दिन मैंने उन्हें बताया कि कल इनकी छुट्टी होगी तो मैंने शाम को देखा कि उसकी बड़ी मम्मी जब अपने पति को देखने आयीं तो तुरंत बाकी मम्मियों ने केबिन में रखी एक चटाई उनके लिए बिछा दी , बड़ी मम्मी प्रसन्नता से उस पर पालथी मारकर बैठ गईं , अपने बीमार पति का हाल जाना फिर उन्होंने अपने ब्लाउज में हाथ डालकर एक पीतल का पान दान निकाला और अपने हाथों से एक पान का ताज़ा बीड़ा लगाकर अपने पति को उनके मुंह में डाल कर खिलाया । उसके पश्चात बड़ी मम्मी वहां से अपना सामान समेट कर चली गई और नई वाली मम्मी उसी तरह से सेवा में जुटी रहीं । वे सब पसन्नभाव से जीवन में अपने अपने श्रम और अभिनय को बांट के चल रही थी ।

उस मरीज के चाहने वाले बहुत लोग थे जो मुझसे अक्सर मिलकर यही कहते थे साहब इनका ख्याल रखिएगा ये हमारे बहुत अज़ीज़ हैं । इनकी छोटी छोटी बीबियां और बड़े बड़े बच्चे हैं । कुल मिलाकर मैं उनकी सराहनीय , अनेकता में स्थित प्रेम एवम श्रम की बांट में समन्वय स्थापित करती जीवन शैली से हर्षित था ।

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 5 Comments · 520 Views
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