श्रद्धा रूप
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आओ तुम्हे बताता हूँ, श्रद्धा रूप प्रकार
कैसे – कैसे जन मन में आए श्रद्धा विचार
जब जन मन अंदर दिखाने का भाव आए
जन का ये दिखावा श्रद्धा प्रकार बन जाए
जब जन कुछ ना करता बस कहता जाए
कहनी रूपी श्रद्धा प्रकार जागृत कर जाए
कुछ ना कहता बस जन करता चला जाए
कहनी जन का श्रद्धा करनी रूप बन जाए
जब तन मन संग धन भी समर्पित हो जाए
करनी से यह श्रद्धा समर्पण भाव बन जाए
सुखविंद्र कवि दिल से कहे लीन हो जाओ
श्रद्धा रूपो को तुम अमलीजामा पहनाओ
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)