श्रद्धा भाव
भक्ति भाव प्रभु के प्रति होना चाहिए
स्नेह भाव भी अपनों से होना चाहिए
पर दूसरों को भी मत इग्नोर करिए
श्रद्धा भाव वसुधा के प्रति होना चाहिए
बीज भक्ति के बोते नहीं हम
श्रद्धा भाव भी रोपते नहीं हम
अन्तस में उपजते है अंकुर
प्रस्फुटित हो बनते है फूल
मानवता का मानक होना चाहिए
श्रद्धा भाव वसुधा के प्रति होना चाहिए
लघु से दीर्घ बना भक्ति भाव जगा
चट्टान को चीरा संकल्प भाव जगा
थाह सागर की माप ली प्रेम दिखा
विजय परचम लहराया अपना बना
इन्सानित का एक प्रमाप होना चाहिए
श्रद्धा भाव वसुधा के प्रति होना चाहिए