शैतान का मजहब
एक शैतान की आत्मा ने जब
साधारण मनुष्य के शरीर में प्रवेश किया तब उसने उपदेश दिया न जीना है ना जीने देना है गौतम और बापू से बदला लेना है तलवार और बंदूक लेकर संसार का भ्रमण करने लगा दूसरों की रोटी छीन कर अपना पेट भरने लगा संसार उससे डरने लगा आज पूरी दुनिया में हैं उसके अनुयाई जिनको कह सकते है कसाई यही हाल रहा तो दुनिया से हो जाएगी मानवता की विदाई यह बात सरकार के समझ में आई सरकार ने भी बंदूक उठाई ईंट का जवाब पत्थर से शुरू हुई लड़ाई मगर दुःख की बात ये है भाई आज तक समाप्त नहीं हो पाई आतंक बन गया मजहब जिसके जिसके दुनिया भर में हैं अनुयाई