शेर
शेर तो बन सकता नहीं
यारों कभी भी सियार,
ओ मुगालते में रहने वालों
अब हो जाओ होशियार।
शेर तो एक सिम्बल है
करो नित-नवीन सुधार,
पढ़ो लिखो मेहनत करो
मित्रों हर दम रहो तैयार।
भले गीदड़ की सेना हो
पर शेर लीडर रहे मेरे यार,
जंग में फतह मिलेगी जरूर
ये राज की बात मजेदार।
मेरी प्रथम प्रकाशित बाल कविता संग्रह :
‘पंखों वाला घोड़ा’ में संकलित
‘शेर’ शीर्षक कविता की चन्द पंक्तियाँ।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
अमेरिकन एक्सीलेंट राइटर अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।