Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2017 · 2 min read

शेर

वो जो मेरे दर्द ए दि‍ल का पारखी है ,
जि‍से यह जहाॅ माॅ कहता हैं ा
सैलाब आया है आज हमारी ऑखों से,
कि‍ यकबयक मेरे अपनाें ने छोड दि‍या साथ मुफलि‍सी मेंा
वो जो कहते थे अपने ना छोडेेगे साथ मुफलि‍सी में,
आई दबे पाव जालि‍म मुफलि‍सी सारे अपने सपने हो गयें ा
मेेरे अजीजों ने धकेला है मुझे बर्बादी की और,
मेरेे हमदर्दोे ने मुझे आबाद कर दि‍यां ा
मुकम्‍मल था जहां में कोई मुझे बर्बाद करने को,
महफूज हआ में यारब की मेहरबानी सेा
मेरी मौत का सामान तैयार करते हेै मेेरे शनाशाई,
मुझे मेेरे दुश्‍मनों से क्‍या खौफ ा
आजकल लोग रखने लगे है रि‍श्‍तों में मुफीद,
बि‍न मुफीद कोई यहां अपना नहीं कहता,
मेरे अपनों ने मुझे कहीं का ना छोडा ,
दि‍या मुझे दर्द और शायर बना दि‍या,
यु गुरेज ना करना, हमसे मि‍लने पर,
बाहौसला सि‍मट जाना हमारी बांहों में,
वो जो मेरी नब्‍ज को पहचानता है,
वो जो मेेरे दर्द ए हालांत जानता है,
छोड गया मेरा हाथ मुश्‍ि‍कले हालात में वो इस कदर,
क्‍योंकि‍ मुश्‍ि‍कल ही है मेरी नि‍यति‍ वो जानता है ा
उसने मेरा जीना दुश्‍वार कर दि‍या,
हुई उससे मोहब्‍बत जीवन खार-खार कर दि‍या ,
खार-खार हैं हमारी जि‍न्‍दगी,
फि‍र भी हम है कई दि‍लों के बादशाह
अाजकल जीवन में अटक वही डालते हैं,
जो कहते हैं हम आपके अजीज है ा
आजकल रब की मेहरबानी हैं, हम पर
कि‍ जि‍नकी उगली पकडकर कल चले थे,
वो आज हमारा हाथ पकडकर चलते है ा
सरापा खुबसूरत हैं मेरा महबूब ,
जि‍से मेेेरे यार मेरा चॉंद करते है ा
अगर करने जाये उसकी तारीफ तो अल्‍फाज कम पड जाये,
अगर करने आये मोहब्‍बत तो मोहब्‍बत बेशतर हाे जाये,
ये काति‍ल अदा ये काली घटा
बडी बेरहम है हमारी दि‍लरूबा
जीवन में हर कि‍सी को मोहब्‍बत कहा मयस्‍सर होती है,
होता है जो खुशनसीब मोहब्‍बत उसे मयस्‍सर होती हैं ं

भरत कुमार गहलोत
जालोर राजस्‍थान
सम्‍पर्क सूृत्र 7742016184

Language: Hindi
Tag: शेर
518 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहुत समय हो गया, मैं कल आया,
बहुत समय हो गया, मैं कल आया,
पूर्वार्थ
वासियत जली थी
वासियत जली थी
भरत कुमार सोलंकी
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फूल
फूल
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
मन का डर
मन का डर
Aman Sinha
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
Shashi kala vyas
"बड़ा आदमी"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
'अशांत' शेखर
★देव गुरु★
★देव गुरु★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
विभाजन की विभीषिका
विभाजन की विभीषिका
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
घर के राजदुलारे युवा।
घर के राजदुलारे युवा।
Kuldeep mishra (KD)
बचपन
बचपन
Kanchan Khanna
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
Er.Navaneet R Shandily
നീപോയതിൽ-
നീപോയതിൽ-
Heera S
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)
*प्रणय*
फूल चेहरों की ...
फूल चेहरों की ...
Nazir Nazar
సమాచార వికాస సమితి
సమాచార వికాస సమితి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*चुप रहने की आदत है*
*चुप रहने की आदत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हे देश मेरे
हे देश मेरे
Satish Srijan
आसमां में चाँद...
आसमां में चाँद...
पंकज परिंदा
राष्ट्रभाषा बने हिंदी
राष्ट्रभाषा बने हिंदी
Mamta Rani
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
Mangilal 713
नफ़रत
नफ़रत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
हो....ली
हो....ली
Preeti Sharma Aseem
Loading...