शेर
खुशियाँ कम और अरमान बहुत हैं, जिसे भी देखो परेशान बहुत है !!
करीब से देखा तो निकला रेत का घर, मगर दूर से इसकी शान बहुत है !!
कहते हैं सच का कोई मुकाबला नहीं, मगर आज झूठ की पहचान बहुत है !!
बड़ी मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी, यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं !!
उदाहरण 24 कैरेट का तो सब देते हैं, पर खोटे सोने की दुकान बहुत है।
जिंदगी के रथ में, लगाम बहुत है,अपनों के अपनों पर,इल्जाम बहुत है।
शिकायतों का दौर देख, थम सा जाता हूँ। लगता है उम्र कम, और इम्तेहान बहुत है।
ये सांसें तेरी चाहत से ही चलती हैं, धोखा ना देना ये जिस्म जिम्मेदार बहुत है।
उसकी सूरत के सिवा कुछ दिखता ही नहीं, कैसे कह दूँ वो चाँद दागदार बहुत है।
बदले-2 से दिख रहे कुछ श्वेत वस्त्र पहनकर, अंदर काले धब्बों का निशान बहुत है।
सुना है सूर्य का कोई मुकाबला नहीं, पर कुछ लोगों में तपान बहुत है।
कहते हैं अमीरी बहुत कुछ जुटाती है, पर गरीबों के पास ईमान बहुत है।
टेड़ा होने की अपनी अलग महत्त्ता है यारों, यहाँ सीधे पेड़ों की कटान बहुत है।