Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2021 · 1 min read

शेर

भारत माता की कलाई पर रक्षा सूत्र अब चाहिए
एक आधा वीर नहीं अब वीरों की टोली चाहिए

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 423 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
पूर्ण विराग
पूर्ण विराग
लक्ष्मी सिंह
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रेमिका को उपालंभ
प्रेमिका को उपालंभ
Praveen Bhardwaj
दोहे- उदास
दोहे- उदास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता
भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता
Dr MusafiR BaithA
कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर
कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर
VINOD CHAUHAN
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
अंसार एटवी
मेरे अधरों पर जो कहानी है,
मेरे अधरों पर जो कहानी है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
भ्रम
भ्रम
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
शेखर सिंह
हे ! गणपति महाराज
हे ! गणपति महाराज
Ram Krishan Rastogi
*नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
*नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
Ravi Prakash
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
आर.एस. 'प्रीतम'
एडमिन क हाथ मे हमर सांस क डोरि अटकल अछि  ...फेर सेंसर ..
एडमिन क हाथ मे हमर सांस क डोरि अटकल अछि ...फेर सेंसर .."पद्
DrLakshman Jha Parimal
*तंजीम*
*तंजीम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"वचन देती हूँ"
Ekta chitrangini
हजारों मील चल करके मैं अपना घर पाया।
हजारों मील चल करके मैं अपना घर पाया।
Sanjay ' शून्य'
अलबेला अब्र
अलबेला अब्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
Rajendra Kushwaha
■ बस, इतना कहना काफ़ी है।
■ बस, इतना कहना काफ़ी है।
*प्रणय प्रभात*
अहमियत
अहमियत
Dr fauzia Naseem shad
नज़्म
नज़्म
Shiva Awasthi
दुख
दुख
Rekha Drolia
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
किसी की किस्मत संवार के देखो
किसी की किस्मत संवार के देखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...