Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2016 · 1 min read

शेर..

तसव्वुरात की परछाई उभर आई फिर से

कौन ये अक्स अपना दिखा गया फिर से।

संगीता गोयल
6/8/16

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 509 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
मूल्य मंत्र
मूल्य मंत्र
ओंकार मिश्र
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
Rj Anand Prajapati
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
Dr. ADITYA BHARTI
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Ritu Asooja
पत्नी की पहचान
पत्नी की पहचान
Pratibha Pandey
* लोकतंत्र महान है *
* लोकतंत्र महान है *
surenderpal vaidya
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
लक्ष्मी सिंह
अन्याय के आगे मत झुकना
अन्याय के आगे मत झुकना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
2803. *पूर्णिका*
2803. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
Swara Kumari arya
मत कर
मत कर
Surinder blackpen
वहाॅं कभी मत जाईये
वहाॅं कभी मत जाईये
Paras Nath Jha
श्रीराम पे बलिहारी
श्रीराम पे बलिहारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
■ बिल्कुल ताज़ा...
■ बिल्कुल ताज़ा...
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
*मन के राजा को नमन, मन के मनसबदार (कुंडलिया)*
*मन के राजा को नमन, मन के मनसबदार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माना जीवन लघु बहुत,
माना जीवन लघु बहुत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*
*"शिव आराधना"*
Shashi kala vyas
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
बड़ी सी इस दुनिया में
बड़ी सी इस दुनिया में
पूर्वार्थ
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
Basant Bhagawan Roy
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कवि दीपक बवेजा
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
Neerja Sharma
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरे लिए
मेरे लिए
Shweta Soni
Loading...