शेर
ग़मो के साये में भी मुस्कुराते रहेंगे
ऐ ज़िन्दगी तुझे ऐसे ही झुकाते रहेंगे ।
ये मर्ज़ी है आपकी दिल से हमें निकाल देना
हम तो दस्तक दे-दे के इस घर में आते रहेंगे ।
– चिंतन जैन
ग़मो के साये में भी मुस्कुराते रहेंगे
ऐ ज़िन्दगी तुझे ऐसे ही झुकाते रहेंगे ।
ये मर्ज़ी है आपकी दिल से हमें निकाल देना
हम तो दस्तक दे-दे के इस घर में आते रहेंगे ।
– चिंतन जैन