शेर : तुझे कुछ याद भी है क्या मिरा उस रात में आना
तुझे कुछ याद भी है क्या मिरा उस रात में आना
छतों से कूदकर के फिर भरी बरसात में आना
कई मंज़र बने ख़ंजर चुभे मेरी निगाहों में
मुझे मिलने को पर तेरा किसी के साथ में आना
तुझे कुछ याद भी है क्या मिरा उस रात में आना
छतों से कूदकर के फिर भरी बरसात में आना
कई मंज़र बने ख़ंजर चुभे मेरी निगाहों में
मुझे मिलने को पर तेरा किसी के साथ में आना