24. *मेरी बेटी को मेरा संदेश*
निगाह मिला के , सूरज पे ऐतबार तो कर ,
हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
फितरत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )
जॉन वुडन एक महान बास्केटबॉल कोच थे जो अपनी बुद्धिमत्ता और ने
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
■ ज़रूरत है बहाने की। करेंगे वही जो करना है।।
sp133 मैं अज्ञानी /वामपंथी सेकुलर/ वह कलम की धार
श्याम की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)