शुरू कर दूं मै पल में… बातो के सिलसिले..!!*!!
भूल जा ऐ सनम दिल की रुसवाइयाँ,
देख ले गौर से मन की गहराइयाँ !
कुछ मुक़म्मिल-सी यारी मिली थी तेरी,
ख्वाब कर गयी है तेरी तन्हाईयाँ !!
मुश्किले तो आती है सफर में कई,
अपना कहना भी तुझको गवारा नहीं !
भूल जा ऐ सनम मन के तू सारे बैर,
साथ चलना है तेरे ना बनना है गैर !!
आशियाना मेरे दिल का तेरे लिए,
इसे सजादो सनम, भूलो सिकवे -गिले !
खिलखिलाके जो मुस्कुराओ, तुम जो अभी
शुरू कर दूं मै पल में… बातो के सिलसिले..!!*!!
❤Love Ravi❤