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14 Jan 2024 · 1 min read

शुरुवात

रुको,ठहरो,जरा बात करो!
छोटी ही सही पर मुलाकात करो!!

जुबा न सही पर आंखों से बात करो!
मैं शायद कुछ न बोलू,तुम ही शुरुआत करो!!

भूली बिसरी बातों की न शुरुआत करो!
ज़िन्दगी नए ढंग से जीने की शुरुआत करो!!

बहुत बेचैन रहा हूँ,तुम सुकूँन की बरसात करो!

तुम्हारी यादों का सितम बरकार है !
अब तो इनसे आज़ाद करो !!

कब तलक इंतजार करू किनारे पे!
कभी तो गंगा के किनारों पे मुलाक़ात करो !!

बन जाऊँ हमदर्द तुम्हारा!
गर तुम भी कोई प्रयास करो!!

अरसा बीत गया है मोह्हब्बत को तड़पडते हुए!
दिलों की इन दूरियों को समाप्त करो !!

आओ लग भी जाओ गले अब !
फ़िर से प्रेम की शुरुआत करो !!

💕

Language: Hindi
140 Views

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