किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
सूखी लकड़ियों में, वो बात कहाँ ।
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
बाळक थ्हारौ बायणी, न जाणूं कोइ रीत।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
Dr. Harvinder Singh Bakshi
वह नारी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
इतने बीमार हम नहीं होते ।