Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2021 · 1 min read

शुभ प्रभात

उगता सूरज दिखा रहा है,जादू अपनी किरणों से,
ओस के मोतियों को,पिरोता है अपनी किरणों से।
बिगुल बजा देता है,उठो भोर अब हो गई है दोस्तो
अलसाई आंखो से नींद चुरा लेता अपनी किरणों से।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
■ ज़िंदगी मुग़ालतों का नाम।
■ ज़िंदगी मुग़ालतों का नाम।
*प्रणय प्रभात*
अधूरा इश्क़
अधूरा इश्क़
Dr. Mulla Adam Ali
"रिश्ते टूट जाते हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
*वह बिटिया थी*
*वह बिटिया थी*
Mukta Rashmi
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
3103.*पूर्णिका*
3103.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Is ret bhari tufano me
Is ret bhari tufano me
Sakshi Tripathi
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बड़ा ही अजीब है
बड़ा ही अजीब है
Atul "Krishn"
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
Bodhisatva kastooriya
इश्क़ एक दरिया है डूबने से डर नहीं लगता,
इश्क़ एक दरिया है डूबने से डर नहीं लगता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
लक्ष्मी सिंह
अबके तीजा पोरा
अबके तीजा पोरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मां बताती हैं ...मेरे पिता!
मां बताती हैं ...मेरे पिता!
Manu Vashistha
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
Lohit Tamta
बिताया कीजिए कुछ वक्त
बिताया कीजिए कुछ वक्त
पूर्वार्थ
बेटी एक स्वर्ग परी सी
बेटी एक स्वर्ग परी सी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पतंग
पतंग
अलका 'भारती'
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
बीमारी सबसे बुरी , हर लेती है प्राण (कुंडलिया)
बीमारी सबसे बुरी , हर लेती है प्राण (कुंडलिया)
Ravi Prakash
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
शेखर सिंह
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
जगदीश लववंशी
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गंगा दशहरा मां गंगा का प़काट्य दिवस
गंगा दशहरा मां गंगा का प़काट्य दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
Paras Nath Jha
अब महान हो गए
अब महान हो गए
विक्रम कुमार
माँ
माँ
Raju Gajbhiye
Loading...