शीर्षक -हे !पथ के स्वामी
शीर्षक -हे!पथ के स्वामी!
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मेरे हृदय में बसने वाले,
हे! मेरे प्रभु मेरे स्वामी।
तम को तुम हरने वाले,
हे! ईश्वर हे! अंतर्यामी?
मेरे जीवन से विश्वास,
कभी डिगने नहीं पाए।
आशाओं के मेरे मोती,
कभी बिखर नहीं जाएंँ!
हे! मेरे पथ के साथी,
कभी तोड़ना ना विश्वास ।
हर-पल रहना साथ मेरे,
तुमसे ही जीवन में प्रकाश!
मेरे हृदय कुंज में सदा,
तेरी ही प्यारी सूरत है।
तुमसे ही सांँसों की डोर,
तुमसे ही जीवन मेरा है !
जीवन के पथरीले पथ में,
तुम थामें रहना मेरा हाथ।
जीवन के अंँधियारों में भी,
तुम सदा देना मेरा साथ !
हे! मेरे पथ के स्वामी,
तुम परछाईं बनके रहना।
मेरे सूने हृदय में तुम सदा,
प्रेम का दीप जलाए रखना!
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर