शीर्षक -हाले-दिल अपना
शीर्षक-हाले दिल अपना !
——————-
हाल-ए-दिल किसको सुनाएंँ यहांँ,
अपना दुःख दर्द किसको सुनाएंँ यहांँ।
कोई समझेगा नहीं प्रभु इक तेरे सिवा,
बस! इसीलिए तेरी चौखट पे आए हैं।
मेरा जीना मेरा मरना तेरे दर में होगा,
प्रभु! इसीलिए तेरे मंदिर में आए हैं!
छोड़कर सारी दुनिया को भगवन ,
बस ! तेरी शरण में हम आए हैं ।
जगत में कुछ नहीं भाए मुझको,
तेरे चरणों की रज लेने हम आए हैं।
जगह दे दो अपने दिल में मुझको,
हृदय में प्रेम दीपक जलाने आए हैं।
सुनाएंँ हाल-ए-दिल अपना किसको,
तेरे दर्शन को अखियांँ मेरी तरसे हैं।
तेरा ही इंतजार करें अखियाँ मेरी,
वर्षों से नयना बहुत मेरे बरसे हैं!!
सुषमा सिंह*उर्मि,,