शीर्षक. …. शिक्षक..अनमोल रतन
शीर्षक. …. शिक्षक..अनमोल रतन
जब से जन्म लिया इस धरती पर
तब से गुरु को अपने ही पास पाया है
पहले गुरु के रूप में मां ने मुझको पाला
दूसरा बड़ों ने लाड प्यार से मुझको थामा
बड़े होकर रोज स्कूल जाना शुरू किया
गुरु शरण में विद्यार्थी जीवन शुरू किया
फिर गुरु ज्ञान से चमत्कार होते देखे हैं
गुरु आज्ञा से कामयाबी के शिखर चूमते देखे हैं
माता-पिता और गुरु की डांट फटकार
कच्चे घड़े को सही दिशा में मोड जाती है
उसे समझा बूझाकर सही मार्ग दिखा कर
विद्यार्थी को अच्छा और नेक इंसा बना जाती हैं
गुरु ही आदि गुरु ही अनंत अनमोल रतन है
गुरु ही देश का सफल राष्ट्रीय निर्माता है
गुरु दर्शन से होते चमत्कार अनुसंधान है
गुरु उपदेश भवसागर से बेड़ा पार लगाता है
दीपक कुमार भोला …प्रधानाध्यापक कंपोजिट विद्यालय तरारा हाजीपुरा विकास क्षेत्र..हसनपुर जिला..अमरोहा