शीर्षक-“मेरे घर के पास एक”(6)
मेरे घर के पास एक छोटी सी पाठशाला,
जिसमें छोटे बच्चों को दिया जाता शिक्षा का निवाला,
हर माता-पिता करें कोशिश बचपन से ही उचित ज्ञान दिलवाने की,तभी तो होगा बच्चा पढ़ने वाला,
वर्तमान में सभी पालक न भी पढ़ा पाएं ऑनलाईन अध्ययन,
पाठशाला में एक ही लेपटॉप पर शुरू किया सामूहिक रूप से पढ़ने का चलन
गांव हो,कस्बा हो या हो शहर
सामूहिकता के प्रचलन से हो सकता है बच्चों के स्वास्थ्य पर कोरोना या ओमीक्रोन का असीम कहर
भयंकर बिमारियों से बचने हेतु छोटे बच्चों को बचाना एक अमूल्य अध्याय ,
हो सकता है टीकाकरण ही एकमात्र उपाय
आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल