शीर्षक: मेरी उम्मीद थे पापा
शीर्षक: मेरी उम्मीद थे पापा
आपके बिना रहना तो दूर पापा
सोचना भी मेरे लिए तो मुश्किल था
आपसे ही तो मेरी उम्मीदे थी
सारी दुनियां की मानो खुशियां थी
आप साथ थे तो ओर कोई चाहत नही थी
आपसे मिलने की ख्वाहिश लगी रहती थी
उम्मीद सी मुझमे जिंदा सी थी
अब कभी न मिलने की तड़फ बहुत तकलीफ देती हैं
आँसुओ में यादे आकर बस जाती है
झकझोर देती हैं मेरे अंतर्मन को
आपके प्यार की पूर्ण हकदार आज
पल पल तड़फती हैं
ईश्वर से यही प्रार्थना कि न दे किसी भी
बेटी को उसके पिता से विछोह का दुख
दुख में आज भी आपके प्यार से सहलाते प्यार की
यादे ताजा हो जाती हैं मानो आप है मेरे पास
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद