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5 Jun 2023 · 1 min read

शीर्षक-“मेरा घर”(15)

घर होवे घर जैसा
न हो उसमें नफरत की दिवारें
खिलती रहें सदा
फूलों की बहारें

परिवार में हर
सुख-दुख बांटे सब मिलकर
ऐसा ही है प्यारा मेरा घर

बना सदा मेरी
तन्हाइयों का सहारा मेरा घर
दुख की परछाईयों से
सदा बचाता मेरा घर
मंडराते काले बादलों से
रक्षा करता मेरा घर

लॉकडाउन में हुआ सिद्ध
मजबूत आधार स्तंभ मेरा घर
मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद मेरा घर
ईश्वरीय रहवास सदा ही मेरा घर

किसी भी दुविधा का
अहसास न कराता मेरा घर
सिर पर छांव धरकर
खुशियों की सौगात लाया मेरा घर
सबको सकारात्मकता
से करता प्रेरित मेरा घर

आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल

3 Likes · 391 Views
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