Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2020 · 1 min read

शीर्षक : माँ

माँ से है मेरी धड़कन,
माँ में ही समाया जग सारा ।
माँ ही तो होती है पावन ,
नहीं कोई उससे पार पाया ।

ममता की वो तो देवी है ,
बच्चों पर प्यार लुटाती है ।
अच्छाई की शिक्षा देती है ,
सदाचार सदा सिखाती है ।

अपने भूखे रह लेती पर,
बच्चों को सदा खिलाती है ।
माँ ही है वो मूरत जग की ,
जो सदा स्नेह बरसाती है ।

होती है सबसे भोली वो ,
पर कार्य बड़े कर जाती वो ।
जब भी आए बिपदा बच्चे पर ,
भगवान से भी लड़ जाती वो ।

माँ शब्द अनूठा है ऐसा ,
कहते ही कलियाँ मिल जाती ।
रोता भी हृदय गर हो किसी का ,
माँ से उसे खुशियाँ मिल जाती ।

माँ की ममता का वर्णन ,
नहीं मेरी कलम ए कर पाती ।
ए तो है माँ की ही महिमा ,
जो बन शब्द यहाँ खुद लिख जाती ।

पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
गोरखपुर उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यहाॅं हर इंसान मतलबी है,
यहाॅं हर इंसान मतलबी है,
Ajit Kumar "Karn"
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
थोड़ा सा आसमान ....
थोड़ा सा आसमान ....
sushil sarna
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सूखा पेड़
सूखा पेड़
Juhi Grover
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
Chaahat
..
..
*प्रणय*
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"दोचार-आठ दिन की छुट्टी पर गांव आए थे ll
पूर्वार्थ
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सब मुकम्मल है अपनी नज़रों में ।
सब मुकम्मल है अपनी नज़रों में ।
Dr fauzia Naseem shad
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
Dr.Pratibha Prakash
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
Khaimsingh Saini
मैं एक पल हूँ
मैं एक पल हूँ
Swami Ganganiya
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
"आतिशे-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
नशा त्याग दो
नशा त्याग दो
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
VEDANTA PATEL
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
प्रतिदिन ध्यान लगाये
प्रतिदिन ध्यान लगाये
शिव प्रताप लोधी
कोई नयनों का शिकार उसके
कोई नयनों का शिकार उसके
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
ruby kumari
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
Subhash Singhai
मेरी शायरी की छांव में
मेरी शायरी की छांव में
शेखर सिंह
रोशनी से तेरी वहां चांद  रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
Virendra kumar
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...