शीर्षक: पापा का कहना “मैं रहूं न रहूं”
शीर्षक: पापा का कहना “मैं रहूं न रहूं”
जिंदगी का जिंदगी से साथ
जिंदा रहे हम, रहे जब तक
हमारा हौसला जिंदा रहे
बिटिया तुममे रहूँगा मैं हमेशा
मैं रहूं न रहूँ..!
वक्त ने माना हमारे बीच
रख दी दूरियां बनाकर
हों दिलों में रास्ता, तो जिंदा रहे
बिटिया तुममे रहूँगा मैं हमेशा
मैं रहूं न रहूँ..!
ऐ मेरे अपनो तुम्ही ने दी
मुझे जिंदादिली, मैं अगर जिंदा
रहूं, तू भी सदा जिंदा रहे
बिटिया तुममे रहूँगा मैं हमेशा
मैं रहूं न रहूँ..!
प्यार से सुलझाइये,
हल गुत्थियां सुलझ जाएगी
जब तलक संसार है ये
फलसफा जिंदा रहे
बिटिया तुममे रहूँगा मैं हमेशा
मैं रहूं न रहूँ..!
तेरी कविता,रहेगी
तेरे दोहो की ताल भी
गीत मेरे की सुरताल भी
और गजल की खनक भी
बिटिया तुममे रहूँगा मैं हमेशा
मैं रहूं न रहूँ..!
मेरा कहा जिंदा रहे
तेरा लिखा जिंदा रहे
मै तुममे जिंदा रहूँ
बस ये तम्मना रहे
बिटिया तुममे रहूँगा मैं हमेशा
मैं रहूं न रहूँ..!
डॉ. मंजु सैनी
गाज़ियाबाद