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7 May 2024 · 1 min read

शीर्षक – निर्णय

भीड़ में खड़े होकर
देखना कभी ख़ुद को
आईना देखने की
ज़रूरत फिर नहीं होगी

तुम अकेले में कोई भी हों
राजा या रंक हों
गरीब या अमीर हों
छोटे या बडे़ हों

भीड़ में सब एक हैं
भीड़ में सब खोते हैं
ख़ुद के साथ साथ ही
अपना अस्तित्व भी खोते हैं

निर्णय फिर आपका है
आपकी पहचान आपके
अपने लिए निर्णय से होगी
फिर हार या जीत होगी

आज़ या फ़िर कल होगी
होगी ज़रूर एक दिन
जीतना है तो अपने लिए निर्णय पर
अटल रहें, काम ईमानदारी से करते रहें

आज़ पेड़ लगाने से
आज़ ही फल खाने को नहीं मिलेगा है
इंतज़ार बरसों का करना पड़ेगा
दिन रात आज़ रूपी आग में जलना होता है

_ सोनम पुनीत दुबे

1 Like · 124 Views
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