शीर्षक: नशा तो बढ़ता ही जा रहा
शीर्षक: नशा तो बढ़ता ही जा रहा
हो जाता हैं मातम ये क्या हो गया
मेरे देश का नोजवान आज नशे की
लत न जाने कहाँ के कहाँ आ गया
नशा तो आज देश मे बढ़ता ही जा रहा
बर्बाद करती जा रही नोजवानो को नशे की झप्पी
लत आते ही नैतिकता भी लुप्त हो रही
घर घर के चिराग नशे की अग्नि में जल रहे
नशा तो आज देश मे बढ़ता ही जा रहा
नशे की जड़ से ख़त्म करने के लिए आओ
कोई न कोई कदम उठाना होगा आओ
नौजवानों को ये समझाना होगा आओ
नशा तो आज देश मे बढ़ता ही जा रहा
माँ बाप का सहारा बनना था जिसको
वही बुढापे में उन पर बोझ बनता रहा
पत्नी भी बैठ करती रही इंतजार पर
नशा तो आज देश मे बढ़ता ही जा रहा
आज देश के नोजवानो को बचाना ही होगा
बहनों के हाथ राखी रहे भी वापिस आना होगा
देश के काम में नोजवानो लगाना ही होगा
नशा तो आज देश मे बढ़ता ही जा रहा
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद