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29 Jun 2024 · 1 min read

शीर्षक -क्यों तुमसे है प्रेम मुझे!

शीर्षक -क्यों तुमसे है प्रेम मुझे
——————————-
मेरे जीवन में आकर कान्हा,
मुझको खुशियों से भर दिया।
अपनी मोहिनी सूरत दिखा कर,
मुझको पुजारिन बना दिया।।

में जब पलकें बंद करूँ,
तुम ही नजर आते हो।
आकर मेरी यादों में तुम,
सपने कई दिखाते हो।।

युग-युग से है प्रेम मुझे,
तेरी प्यारी सी मूर्ति से।
तुझमें ही खो जाती में,
कहती अपने दुःख तुम से।।

तेरे चरणों की रज चाहूँ,
अपनी शरण ले लो मुझे।
अपने हृदय में मुझको बसा के,
होंठों की मुरली बना लो मुझे।।

क्यों तुमसे है प्रेम मुझे —-
क्यों तुमसे है प्रेम मुझे —-

सुषमा सिंह*उर्मि,,

Language: Hindi
1 Like · 102 Views
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