शीर्षक:-कृपालु सदा पुरुषोत्तम राम।
#दिनांक:-5/5/2024
शीर्षक:-कृपालु सदा पुरुषोत्तम राम।
दुष्ट विनाशक भक्ति-बलधाम,
राम भजन जिनका नित काम,
अंजनी लाल रूद्र अवतारी,
जय श्रीराम जय-जय हनुमान।
श्रद्धापूरित विनती करती ,
एक अरज बस तुमसे कहती।
शक्ति,भक्ति-अनुरक्ति चाहिए,
विनयी,बुद्धि-विरक्ति चाहिए।
कृपालु सदा पुरुषोत्तम राम,
स्नेहापूरित दिव्य ललाम।
आप प्रभु के हृदय बिराजे,
वृत्ति आसुरी नष्ट हो,
बने श्रेष्ठ मनुष्य महान ।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई