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29 Dec 2023 · 1 min read

प्रदुषण का प्रभाव

-प्रदुषण का प्रभाव
मानव अपने आप में मगरूर हो गया,
अपनी काबिलियत पर उसे गुरूर हो गया।
प्रकृति के उपहारों का मालिक हो गया,
मनमर्जी से दुरुपयोग में जुट गया,
जंगल उजाड़ भव्य भवन का मालिक हो गया।
निज दुष्कर्मों से हरियाली से दूर हो गया,
बीच शहर कारखाने लगा धनपति होगया।
मिला क्या उससे??।।।
हवा जहर हुई और पानी दूषित हो गया,
बिन बादल बरसात का कहर ढा गया और,,
प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो गया।
लोभ प्रलोभन के चक्कर में स्वार्थी हो गया,
पशु पक्षियों का आसरा छीन स्वयं मस्त हो गया,
पर फिर क्या हुआ..???
बाहरी सुख पाया पर,,नहीं मिली आंतरिक शांति,,,
तरह तरह के प्रदुषण से मानसिक रोगी हो गया।
ध्वनि प्रदुषण से बहरा हो गया,
फल,फूल,मूल सब धीमा विष समान हो गया,
समझ कर भी मूक रहा और अनेक रोग से ग्रस्त हो गया।
होने लगे बेघर जन्तु कहीं जीव लुप्त हो गया,
नहीं धन जिसके संग वो मानव भूखा सो गया।
अब भी है समय चेत जाओ मनुज आबाद
नहीं संभले गर अभी तो, कल हो सकता बर्बाद।
प्रकृति से मिली की सौगातों से नहीं करें छेड़छाड़
तब हीआने वाले समय में ले पाओगे शुद्ध श्वास।
– सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान

Language: Hindi
1 Comment · 138 Views
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