शीर्षक:सुनो ना पापा
शीर्षक:सुनो ना पापा
पापा…
आप मेरी पुकार को सुनो ना
आपके जाने से मैने बहुत दुख सहे हैं
दुनिया ही मानो मेरी तो सूनी हो गई
कोई भी अपना सा नजर नही आता
आप क्या गए मानो सब कुछ खत्म सा हो गया।
पापा…
आप मेरी पुकार को सुनो ना
आपने इतना प्यार दुलार दिया ही क्यो था
अब आपके बिना रहना पता है कितना कष्टकर हैं
कोई आओके बिना मुझे समझा ही नही आज तक
बहुत अकेला महसूस होता हैं आपके बिना रहना।
पापा…
आप मेरी पुकार को सुनो ना
आप ही तो थे जो मेरी हर बात सुनते व मानते थे
अब किसी से कुछ भी नही कह पाती हूँ
अब पता है मुझे कोई आप सा समझेगा ही नही
अब मैं खुद को आप बिन टूटा सा महसूस करती हूँ।
पापा…
आप मेरी पुकार को सुनो ना
आपने हमेशा सिखाया हैं समय का मुकाबला करना
हिम्मत रखने की कोशिश करती हूँ पर न जाने क्यों
आपके बिना मंजिल नजर ही नही आती
लगता हैं मानो भटक सी गई हूँ उलझी सी जिंदगी मे
पापा…
आप मेरी पुकार को सुनो ना
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद