Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2022 · 2 min read

शीर्षक:मन मे उठी चिंगारी

शीर्षक: मन की चिंगारी

मन में उठी चिंगारी आखिर क्या कुसूर हैं
मेरा बेटी होना….?
धधकती चिंगारी रूप लेती हैं एक विद्रोह का
मेरे मन मे उठते बवंडर को शांत होना हैं
ये धधकती आग चिंगारी छोड़ देती हैं मन मे
आखिर कब होना होगा मुझे स्वतंत्र
जब मैं भी जी पाऊंगी खुल कर जीवन को
चहकती ,मुस्कुराती कब तक रह पाऊंगी

मन में उठी चिंगारी आखिर क्या कुसूर हैं
मेरा बेटी होना….?
जीवन रूपी अद्भुत संगीत की स्वरलहरियों में
कब रूप लेंगी ये मेरे जीवन संगीत का
मैं जीवनदायिनी,सृजना, कब तक प्रतीक्षारत
कि मैं भी बेखोफ जी सकूंगी अपनी छोटी सी जिंदगी
आखिर क्यों प्रतिपल एक खोफ साथ चलता है मेरे
अनुभूतियों का स्मरण कर मन द्रवित ही जाता हैं

मन में उठी चिंगारी आखिर क्या कुसूर हैं
मेरा बेटी होना….?
मैं स्वयं ही जलती हूँ धधकती हूँ प्रतिदिन
अंतर्दाह होता हैं मेरी चेतना में मेरा
मानो अभिशिप्त जीवन मिला हो मुझे
बेटी का रूप देकर मेरे पालनहार ने
मेरी संवेदना मानो अस्तित्व ही नही रखती हैं
पुरुष को पूर्ण बनाने वाली कैसे मैं अपूर्ण हूँ

मन में उठी चिंगारी आखिर क्या कुसूर हैं
मेरा बेटी होना….?
अनवरत चल रही हूँ मैं वैसे ही जैसे चलाया पुरुष ने
आखिर क्या नही कर सकती हूँ मैं ..?
मैं स्वयं में समेटे बहुत से प्रश्न लिए आज भी
न जाने कब आखिर कब होगा मेरे जीवन का उदय
कब होगी मेरी भी अपनी पहचान
क्यो निरीह कर छोड़ दिया गया मुझे

मन में उठी चिंगारी आखिर क्या कुसूर हैं
मेरा बेटी होना….?
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 91 Views
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

संतान की परीक्षा में माँ की भूमिका
संतान की परीक्षा में माँ की भूमिका
Sudhir srivastava
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
हो जाए
हो जाए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
क्या वायदे क्या इरादे ,
क्या वायदे क्या इरादे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
पूर्वार्थ
अपनी चाह में सब जन ने
अपनी चाह में सब जन ने
Buddha Prakash
" नम पलकों की कोर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
शायद वह तुम हो जिससे------------
शायद वह तुम हो जिससे------------
gurudeenverma198
रास्तों पर चलते-चलते
रास्तों पर चलते-चलते
VINOD CHAUHAN
चक्रधारी श्रीकृष्ण
चक्रधारी श्रीकृष्ण
ललकार भारद्वाज
मानव मन
मानव मन
Durgesh Bhatt
आबो-हवा बदल रही है आज शहर में ।
आबो-हवा बदल रही है आज शहर में ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*प्रेम नगरिया*
*प्रेम नगरिया*
Shashank Mishra
गजानंद जी
गजानंद जी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
#आज_का_शेर-
#आज_का_शेर-
*प्रणय*
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दो दोहे
दो दोहे
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
चुनाव नियराइल
चुनाव नियराइल
आकाश महेशपुरी
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
कवि दीपक बवेजा
*जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य (कुंडलिया )*
*जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
श्रीराम स्तुति-वंदन
श्रीराम स्तुति-वंदन
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
- हौसलों की उड़ान -
- हौसलों की उड़ान -
bharat gehlot
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
काली भजन
काली भजन
श्रीहर्ष आचार्य
हम से मोहबत हों तो वक़्त रहते बता देना|गैरो से जादा बात नही
हम से मोहबत हों तो वक़्त रहते बता देना|गैरो से जादा बात नही
Nitesh Chauhan
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
आएगी दीपावली जब जगमगाती रात होगी
आएगी दीपावली जब जगमगाती रात होगी
Dr Archana Gupta
Loading...