शीर्षक:दिए मिट्टी के
******दिए मिट्टी के*****
ये मिट्टी के दिए….
ये मिट्टी के दिए बनाता तुम्हारे लिए
मैं हूँ कुम्हार गढ़ता हूँ मिट्टी के दिये तुम्हारे लिए
रूप दिए का देकर रोशन करता तुम्हारे लिए
मिट्टी को कितना खूबसूरत रूप देता तुम्हारे लिए
ये मिट्टी के दिए….
कभी मिट्टी रंग में तो कभी सजाता हूँ रंगों से
प्यार के रंगों से सराबोर रोशन करते रंगीन दिए
प्यारे प्यारे रंगों में ढालता उनको रोशनी के लिए
बाजारों में रौनक दिवाली की होती तुम्हारे लिए
ये मिट्टी के दिए….
खूब दिए खरीदो हम से दिवाली के लिए
आपकी तो हो रोशन दिवाली संग हमारी ही रहे
उम्मीद से आकर बाजार में बैठ गया लेकर दिए
जगमग जगमग दिए मेरे करे रोशन दिवाली आपकी
ये मिट्टी के दिए….
अंधेरे में खुद रहकर खुशियां मनाएं आपकी
खुशियां लेकर आये दिए का प्रकाश आपके जीवन में
इस दीपावली ज्यादा से ज्यादा खरीदो दिए गरीब के
मिट्टी के ये खूबसूरत दिए उनके घर मे रोशनी करें
ये मिट्टी के दिए….
घर जरूर खरीद कर लायें उस गरीब के दिये
उसके घर मे भी मन इस वर्ष खुशी की दिवाली
गरीब के बच्चे भी खा सके मिठाई इस दिवाली
आओ सब मिलकर मनाए संग संग दिवाली
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद